आज गलगोटियाज विश्वविद्यालय के जनसंचार विभाग द्वारा अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाया गया। जिसकी मुख्य थीम अभयम् (आपके बेखौफ जिंदादिली को सलाम) रखी गई। जनसंचार विभाग के छात्रों द्वारा सबसे पहले सभी शिक्षकों का स्वागत किया गया। इसके उपरांत विभाग के विभागाध्यक्ष और अन्य शिक्षकों द्वारा द्वीप प्रज्वलित करके कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम की मुख्य थीम पर विभागाध्यक्ष डॉ0 ए.राम पांडे ने अपने विचार रखते हुए कहा कि मैं अभयम् को दूसरे नजर से देखता हूं क्योंकि हमें पुरुष या महिला दिवस मनाने की आखिर जरूरत ही क्यों पड़ती है। क्योंकि पुरुष समाज द्वारा ही महिलाओं को दबाया जाता है और उनका शोषण किया जाता है। इस कारण से महिला दिवस मनाने की जरूरत पड़ती है। परंतु पुरुष दिवस मनाने के पीछे आखिर कारण क्या है- इस संदर्भ में डॉ. ए.राम पांडे द्वारा छात्रों को एक कहानी से रूबरू कराया कि हमारा समाज मुलम्मा (नकाब) ओढें हुए है इसको हटाने की जरूरत है।
इसके बाद बीजेएमसी के छात्र अभिनव कुमार द्वारा कविता सुनाई गई। कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए छात्रों द्वारा शिक्षकों के लिए एक प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया, जिसमें पुरुष शिक्षकों ने गीत व कविताएं सुनाई। इसके बाद पुरुष के जीवन में क्या-क्या जिम्मेदारी उठानी पड़ती है उस पर छात्रों द्वारा एक नाटक ‘‘सपनों की जंजीर’’ प्रस्तुत किया गया। नाटक के बाद महिला शिक्षकों द्वारा पुरुष और महिलाओं के बीच जो असामनता है उसको मिटाने के लिए महिला शिक्षकों द्वारा अपने साथी पुरुष शिक्षकों को सराहा और उन्हें पुरुष दिवस की शुभकामनांए प्रदान की। इसी क्रम में बीजेएमसी की छात्रा दीक्षा गुलाटी द्वारा गीत व सेजल भाराद्वाज द्वारा नृत्य प्रस्तुत किया गया। अंत में पल्लवी अवस्थी और आयुष्मान चौधरी ने संगीतमय प्रस्तुति दी।
कार्यक्रम का संचालन व समापन्न शिक्षिका महक पंडित ने सभी का अभार व्यक्त करते हुए किया। कार्यक्रम डॉ0 ए.राम. पांडे, डॉ0 हरीश कुमार, डॉ0 भवानी शंकर मिश्रा, निरंजन कुमार, डॉ0 गजेन्द्र प्रताप सिंह, विनीत कुमार, प्रखर भार्गव, महीप कुमार सिंह, अरूण शर्मा, राहुल झां के साथ-साथ महिला शिक्षिकाओं में डॉ. ताशा सिंह परिहार, डॉ. कुमारी पल्लवी, सुरूचि अग्रवाल, अर्पूवा शुक्ला, डॉ. निक्की तिवारी और छात्रों में कुमारी माही, जन्मजय कुमार, खुशी सिन्हा, अमृत्य सुंदरम्, मानिक पराशर, प्रखर सिंह आदि मौजूद रहें जिन्होंने कार्यक्रम के सहयोग प्रदान किया।