संस्थान के निदेशक डा0 ब्रिगे0 राकेश गुप्ता ने जानकारी दी कि मा0 मुख्य सचिव महोदय की अध्यक्षता में सम्पन्न संस्थान की छटवीं शासी निकाय की बैठक का कार्यवृत्त अनुमोदित हो गया है। निदेशक ने बताया संस्थान को धीरे धीरे अपने पैरा पर खडा करना है जिसके लिए आने वाले मरीजों को बहुत ही रियायती दरों पर उच्च कोटि की उपचार सुविधा दी जा रही है। गरीब एवं लाचार लोगों का उपचार निःशुल्क उपलब्ध कराये जाने के लिए मुख्य चिकित्सा अधीक्षक व चिकित्सा अधीक्षक को अधिकृत किया गया है। इसके अतिरिक्त संस्थान में सैंकडों प्रकार की जॉच/परीक्षण आदि भी रियायती दर पर उपलब्ध कराये जा रहे हैं, मरीजों की सुविधा के लिए जो टेस्ट संस्थान में उपलब्ध नहीं वह निजी लैब पर बाजार मूल्य से लगभग आधी कीमत पर करवाये जाते हैं। कोविड की दूसरी लहर के दौरान से संस्थान में बेडों की संख्या बढाकर 500 कर दी गयी है तथा 350 से अधिक मरीज भर्ती हैं जिनके 100 के लगभग वायरल, डेंगू व बुखार आदि से पीडित हैं। किडनी मरीजों के लिए वर्तमान में 1500 रू0 में डायलिसिस की सुविधा उपलब्ध है। संस्थान पी0पी0पी0 मॉडल पर 10 डायलिसिस मशीन लगवाये जाने की योजना प्रक्रियाधीन है जिसके उपरान्त डायलिसिस की दर में लगभग 500 रू0 तक की कमी आ सकती है। महिला स्वास्थ्य के प्रति भी संस्थान काफी गम्भीर है जिसके तहत संस्थान में सर्वाइकल कैंसर व स्तर कैंसर की जॉच की सुविधा भी उपलब्ध करायी जा रही है। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा0 सौरभ श्रीवास्तव ने जानकारी दी कि संस्थान में हर तरह के मधुमेह रोगियों के लिए उपचार सुविधा उपलब्ध है। इसके साथ ही गरीब मरीजां को निःशुल्क दवा एवं इन्सुलिन उपलब्ध कराये जाते हैं। सरकारी योजान के तहत निःशुल्क टीकाकरण भी सप्ताह में 6 दिन कराया जा रहा है साथ ही जो टीके निःशुक्ल नहीं हैं वह बाजार मूल्य से रियायती दरों पर उपलब्ध कराये जा रहे हैं। चिकित्सा अधीक्षक सुरेश बाबू ने बताया कि संस्थान में प्रधानमंत्री जन औषधि केन्द्र, अमृत फार्मेसी के अलावा हॉस्पीटल रिवॉल्विंग फंड के अन्तगर्त खोले गये औषधि केन्द्र पर मरीजों को 30 से 60 प्रतिशत सस्ती दरों पर दवायें उपलब्ध करायी जा रही हैं ताकि मरीजों को दवाओं के लिए इधर-उधर न भागन पडे। संस्थान की लैब को उत्कृत जॉच सुविधा उपलब्ध कराये जाने के सम्बंध में एन0ए0बी0एल0 से मान्यता मिल चुकी है। निदेशक ने बताया कि संस्थान को एम0बी0बी0एस0 के तीसरे बैच की अनुमति प्राप्त हो चुकी है शीघ्र ही 100 छात्रों के प्रवेश होंगे। इसके साथ ही संस्थान में स्नातकोत्तर एम0डी0/एम0एस0 पाठयक्रम प्रारम्भ किये जाने हेतु आवेदन किया जा चुका है। पैरामेडिकल व नर्सिंग के क्षेत्र में अनुभवी लोगों की कमी दूर करने के उददेश्य से शीघ्र की नर्सिंग व पैरामेडिकल कॉलेज की स्थापना की जा रही है जो कि अगले सत्र से क्रियाशील हो जायेगा। इसके साथ ही स्टार्ट अप नीति के तहत उ0प्र0 सरकार के चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा प्रदेश में 8 जगह अप्रशिक्षित/अन्ट्रेन्ड व कम पडे-लिखे लोगों को प्रशिक्षित करते के लिए इन्क्यूबेटर सेल की स्थापना की जा रही जिम्स उन 8 में से एक है। मॉलिक्युलर लैब इंचार्ज डा0 विवेक गुप्ता ने बताया कि शोध के क्षेत्र में भी जिम्स अग्रणी है, आई0सी0एम0आर0 से संस्थान में शोध कार्य हेतु मल्टीडिस्प्लनरी यूनिट और वायरल रिसर्च डिटेक्शन लैब स्थापित की जा रहीं हैं। जिसके तहत संस्थान को उपकरण, रिसर्च साइंटिस्ट व मानव संसाधन हेतु लगभग 8 करोड रूपये की वित्तीय सहायता प्राप्त होगी। निदेशक डा0 गुप्ता ने बताया वर्तमान में संस्थान में 100 से अधिक रिसर्च प्रोजेक्ट चल रहे हैं जिसमें से 30 से अधिक कोविड से सम्बंधित हैं। एम0बी0बी0एस0 के प्रथम सत्र में अध्ययनरत 3 छात्रों के प्रोजेक्ट भी आई0सी0एम0आर0 द्वारा अनुमोदित किया किये जा चुके। शासी निकाय द्वारा संस्थान में संचालित सुपर स्पेशियलिटी सेवा को भी सप्ताह में 2 दिन से बढाकर 6 दिन कर दिया इसके साथ की भर्ती मरीजों के उपचार के लिए एन0एच0एम0 की दरों पर सुपर स्पेशियलिटी सेवा उपलब्ध कराये जाने की अनुमति दे दी गयी है। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा सौरभ ने बताया कि संस्थान में ईकोकार्डियोग्राफी के साथ ही एण्डोस्कोपी सेवा प्रारम्भ की जा चुकी है। भारत सरकार की भारत आयुष्मान योजना के अन्तर्गत लोगों के गोल्डन कार्ड बनाये जा रहे हैं एवं मरीजों का निःशुल्क उपचार किया जा रहा है। एडस मरीजों की जॉच हेतु संस्थान में आई0सी0टी0सी0 (इन्टीग्रेडेड काउसिलिंग एवं टेस्टिंग सेन्टर) की स्थापना हो चुकी है शीघ्र ही ए0आर0टी0 (एन्टीरेट्रावायरल थैरेपी) केन्द्र की शुरूआत भी हो जायेगी। संस्थान में स्थापित ब्लड बैंक को ऑन लाइन किया जा चुकी है शीघ्र ही इसे अपग्रेड कर एक नया विभाग बनाया जायेगा। शासी निकाय द्वारा संस्थान में ई-हास्पीटल प्रणाली स्थापित किये जाने हेतु सहमति प्रदान कर दी गयी है इसके द्वारा संस्थान में मरीजों की भर्ती, उपचार, जॉच, डिस्चार्ज होने से लेकर दवाओं आदि की उपलब्ध का भी पता तुरन्त चल जायेगा। कोविड की प्रथम लहर के दौरान आक्सीजन की महत्ता को देखते हुए संस्थान द्वारा आक्सीजन सिलेन्डर्स के अलावा 10000 ली0 की एल0एम0ओ0 यूनिट को चालू करवाकर आक्सीजन पाइपलाइन की आपूर्ति को सुचारू कर लिया गया था जिससे कोविड की दूसरी लहर के दौरान संस्थान में आक्सीजन की कोई कमी नहीं हुई। असाध्य रोगों के ईलाज के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा जा चुका है अनुमति मिलते ही पात्र लोगों का उपचार शुरू कर दिया जायेगा। प्रैस वार्ता में निदेशक डा0 ब्रिगे0 राकेश गुप्ता, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा0 सौरभ श्रीवास्तव, चिकित्सा अधीक्षक डा0 सुरेश बाबू, वित्त अधिकारी श्री नीरज कुमार, संकाय प्रभारी प्रशासन डा0 अनुराग श्रीवास्तव तथा कोविड लैब इंचार्ज डा0 विवेक गुप्ता आदि मौजूद रहे।
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