भविष्य में कंप्युटर की क्षमता बढ़ाने में वैदिक गणित की विशेष भूमिका होगी: डॉ चौथाई वाले

आज दिनांक 18-07-2020 को गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के स्कूल व्यवसायिक अध्ययन और अनुप्रयुक्त विज्ञान के अनुप्रयोग गणित विभाग व शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के संयुक्त तत्वावधान में दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला “गणित का वैदिक मूल एवं विभिन्न आयाम” का शुभारंभ सरस्वती वंदना से हुआ| स्कूल के अधिष्ठाता प्रो मेलकानिया  ने  सभी प्रतिभागियों और अतिथियों का स्वागत किया|  विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर भगवती प्रकाश शर्मा ने पीठासीन संबोधन में वैदिक गणित के अनुसंधान व गणित के महत्व और वेदों में उल्लेखित ज्ञान पर प्रकाश डाला। डॉ अमित कुमार अवस्थी ने कार्यशाला के कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की तथा डॉ सुशील कुमार ने संक्षिप्त में गौतम बुद्ध विद्यालय के गणित विभाग के बारे में अवगत कराया तथा न्यास के पश्चिमी उत्तरप्रदेश के  संयोजक श्री समीर कौशिक जी ने शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के गठन व कार्य पद्धति से अवगत कराया| अनावरण सत्र के मुख्य वक्ता डॉ श्रीराम चौथाई वाला ने वैदिक गणित के  इतिहास और वर्तमान में  प्रासंगिकता पर महत्वपूर्ण जानकारियां दी तथा अपने संबोधन पर प्राचीन भारतीय गणितज्ञ आर्यभट्ट प्रथम द्वितीय बौद्धयन व नए युग के गणितज्ञों  रामानुजन, सत्य नाथ बोस, से संबंधित की  महत्वपूर्ण जानकारियां दी| प्रथम सत्र का संचालन डॉक्टर विकास पवार जी ने किया तथा कार्यशाला के द्वितीय सत्र का संचालन डॉ सुशील कुमार ने किया तथा मुख्य वक्ता श्री राकेश भाटिया  जी के विशाल अनुभव का वैदिक गणित परिचय के रूप में प्रतिभागियों को लाभ  मिला| श्रीमान जी ने अपने संबोधन में 16 सूत्रों का वर्गमूल घनमूल निकालने की विधि विस्तार से समझाई  तथा लगभग दोनों सत्रों में 2600 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। डॉ अर्चना शर्मा ने सभी का धन्यवाद प्रेषित किया| कार्यक्रम में प्रो संजय शर्मा , डॉ सुधीर कुमार, डॉ कुँवर सिंह एवं सुन्दर पाल का विशेष सहयोग रहा|

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