देशव्यापी लाक्डाउन के बावजूद भी जीबीयू में ऑनलाइन पद्धति की तहत शिक्षा सूचररूप से जारी है। विश्वविद्यालय में वक़्त रहते ही ऑनलाइन पद्धति के लिए शिक्षकों एवं छात्रों को अवगत कर दी गयी थी और यही वजह है की जब पूर्णत्या लाक्डाउन लागू की गयी तब तक सारे छात्रा एवं छात्राओं को घर भेज दिया गया था और साथ ही उन्हें भी बता दिया गया था कि आप की शिक्षा घर पे रहने के बावजूद भी ऑनलाइन जारी रहेगी और साथ में उपस्थिति भी लगेगी। अतः सभी छात्र एवं छात्राएँ विश्वविद्यालय से लाक्डाउन के पहले से और घर जाते समय इस बात वाक़िफ़ थे उनकी पढ़ाई जारी रहेगी।
ऑनलाइन शिक्षा देने के लिए विश्वविद्यालय वक़्त वक़्त पे आने वाली यूजीसी के सुझावों को भी अपना रही है। फ़िल्हाल विश्वविद्यालय उन्ही ऑनलाइन प्रक्रिया का अनुसरण कर रही है जिसमें की छात्र एवं शिक्षक अपने आप को सहज रूप से निभा सकते हैं। और यही कारण है की सभी कक्षाएँ सामान्य रूप से चल रही है वो भी लॉकडाउन के पहले बने समय सारणी के अनुसार। विश्वविद्यालय के सभी कक्षाएँ उसी समय सारणी से चल रही है एवं उपस्थिति भी दर्ज की जा रही है क्यों की विश्वविद्यालय में ७५% की उपस्थिति सभी छात्र-छात्राओं के लिए अनिवार्य है। विश्वविद्यालय के सभी शिक्षक प्रतिदिन शिक्षण कार्य का रिपोर्ट अपने ऊपर के अधिकारी को देते हैं। विश्वविदयलाय के कुलपति प्रो बी॰पी॰ शर्मा की निगरानी रहती है और वक़्त वक़्त पर उनके द्वारा इस सम्बंध में दिशा-निर्देश भी दिए जाते हैं। कुलपति के ही निर्देशानुसार विश्वविद्यालय में एक वेबिनार का भी आयोजन किया जा रहा है।
सभी संकायों से प्राप्त रिपोर्ट से ऐसा प्रतीत होता है की छात्र-छात्राएँ एवं शिक्षक दोनो वर्ग धीरे धीरे ऑनलाइन प्रक्रिया से शिक्षण ग्रहण एवं देने के अभ्यस्थ हो गए हैं क्यों की लगभग सभी ऑनलाइन कक्षाओं में छात्रों की उपस्थिति ८५% से ज़्यादा देखी जा रही है। यह इस बात का भी ध्योतक है की छात्रों को ऑनलाइन शिक्षण यह प्रक्रिया पसंद आ रही है और लाक्डाउन से सरकार ke आदेश से विश्वविद्यालय बंद होने के बाद उनकी पढ़ाई पर कोई जाड़ा असर नहीं पड़ा और उनका कोर्स भी वक़्त रहते पूरा हो जाएगा। मार्च माह के अन्य के रिपोर्ट अनुसार लगा हर विषय में ७५-८०% कोर्स पूरी की चुकी है और बाक़ी बचे कोर्स भी समय रहते पूरा कर लिया जाएगा।
स्कूल ऑफ़ आई.सी.टी के कंप्यूटर साइंस डिपार्टमेंट द्वारा “ऑनलाइन एक्सपर्ट लेक्चर सीरीज” व “ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम” की पहल की गयी है । लॉकडाउन के समय विद्यार्थियों को ऑनलाइन माध्यम से एक्सपर्ट लेक्चर की सीरीज की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी । 13 से 18 तक चलने वाली इस एक्सपर्ट लेक्चर सीरीज में देशज़ व विश्व के विभिन्न प्रतिष्ठित संस्थानों और विश्विद्यालयों के वक्ताओ के शामिल होने की सम्भावना है। इसके साथ ही 14 तारीख को सभी शिक्षकों के लिए “ऑनलाइन लर्निंग” विषय पर “वेबिनार” का आयोजन किया जायेगा जिसमे सभी शिक्षकों को लॉकडाउन के समय “ऑनलाइन टीचिंग”, “इवैल्यूएशन” आदि का प्रक्षिशण एवं इसमें जिन समस्याओं से उन्हें रूबरू होना पदा उनका निदान करने का प्रयास किया जाएगा।
इसी बीच यूजीसी के निर्देशानुसार विश्वविद्यालय ने छात्र-छात्राओं के लिए ऑनलाइन काउन्सलिंग की सुविधा भी उपलब्ध कर रही है जो की डिपार्टमेंट ऑफ़ साइकॉलोजी एंड मेंटल हैल्थ विभाग के शिक्षकों के द्वारा चलाया जा रहा है। विश्वविद्यालय द्वारा सभी छात्र-छात्राओं, अध्यापकों, कर्मचारियों को अगर कोरोना की वजह से हुए लाक्डाउन काल के दौरान तनाव, मनोदशा में उतार चढ़ाव, नींद से जुड़ी समस्याओं, पारस्परिक संबंधों में तनाव, विचारों व कार्यों का अनचाहे रुप से दोहराना, ध्यान केंद्रित करने में समस्या, पोस्ट ट्रॉमा से जुड़ा तनाव, व्यथा, आकस्मिक चिंता, अवसाद, अकारण भय, परीक्षा से जुड़ी चिंता व तनाव, समय प्रबंद्धन, आत्मविश्वास में कमी, इत्यादि तरह के लक्षण महसूस करता है, तो वह डिपार्टमेंट द्वारा उपलब्ध कराए गए नंबर से विशेषज्ञों द्वारा सलाह तथा फोन के माध्यम से उपचार, दिशा-निर्देशन ले सकता है। इसके संबंध में डिपार्टमेंट ने विशेष्ज्ञो व चिकित्सा मनोवैज्ञानिकों के नाम व फोन नंबर जारी किया है।
विश्वविद्यालय प्रशासन विश्वविद्यालय में रह रहे शिक्षकों एवं कर्मचारियों के साथ साथ विदेशी छात्रावास में रह रहे विदेशी छात्रों का भी विशेष ध्यान रख रही है। प्रतिदिन की ज़रूरत की चीजों की पूरी व्यवस्था विश्ववदयालय प्रांगण के अंदर ही करवाई गयी है ताकि कोई भी लाक्डाउन में किसी ऐसी वाहनों से बाहर ना जाए और साथ ही अपना और अपने आस पास के लोगों को भी कोरोना की क़हर से बचा पाएँ।