आईटीबीपी के जवान विनोद कुमार भाटी में शहीद हो गए। उनका पार्थिक शव कल शाम उनके पैतृक गांव चिटेहरा में सम्मान के साथ लाया गया। वह सियाचिन की 12 हजार फीट की ऊंचाई पर देश की रक्षा में तैनात थे। घरवालों के अनुसार वह शनिवार रात करीब 9 बजे हिमस्खलन में दब गए थे। उन्हें किसी तरह बाहर निकालकर आईटीबीपी के अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां रविवार तड़के करीब रात 2 बजे डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। उसके बाद परिवार को फोन कर घटना की सूचना दी गई।
गांव में भारी भीड़ की मौजूदगी में पूरे सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। चिटेहरा गांव निवासी जयचंद के बड़े बेटे विनोद 2007 में आईटीबीपी की 42वीं बटालियन में भर्ती हुए थे। उन्हें बीते 3 मार्च को जोधपुर से सियाचिन की गैला पोस्ट पर तैनात किया गया था। घरवालों ने बताया कि रविवार तड़के करीब 2 बजे फोन पर सूचना मिली कि विनोद (32) हिमस्खलन की चपेट में आने से शहीद हो गए। सुबह से ही उनके घर पर लोग जुटने लगे थे। शाम को सरकारी गाड़ी से आईटीबीपी के जवान उनका शव लेकर गांव पहुंचे।
विनोद कुमार ने शुक्रवार रात करीब 10:30 बजे पत्नी व बड़े बेटे से 45 मिनट बात की थी। होली की छुट्टियों में घर आने को कहा था। उन्होंने पत्नी धनेश्वरी को बताया था कि सीमा पर पहुंचने के बाद ऑक्सिजन की कमी महसूस हो रही है।
उनके पार्थिव शव को गांव के प्राइमरी स्कूल मे रख कर आईटीबीपी के अधिकारियों व सैनिकों ने सलामी दी। इसी के साथ सांसद डॉ महेश शर्मा, क्षेत्रीय विधायक तेजपाल सिंह नागर, चेयरमैन गीता पंडित समेत अन्य लोग मौजूद रहे।