जैसा कि विदित ही है कि प्रदेश के आम आदमियों को त्वरित व सस्ती चिकित्सा सुविधा न हो पाने तथा प्राईवेट अस्पतालों द्वारा मनमाफिक रेट तय कर, जनता से अधिक शुल्क वसूली आम बात हो चली है। उसी को देखते हुए उत्तर प्रदेश की विधानसभा 2019 के प्रथम सत्र में जेवर विधायक धीरेन्द्र सिंह ने सरकार के संज्ञान में एक प्रश्न के माध्यम से यह बात उठाते हुए कहा कि ’’क्या सरकार टेलीफोन रेगुलेटरी अथाॅरिटी ऑफ़ इंडिया की तर्ज पर प्राईवेट अस्पतालों की मनमानी रोकने के लिए कोई नियामक आयोग बनायेगी?’’
जिसके जबाव में उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश के सभी सरकारी, गैर सरकारी क्लीनिकों, चिकित्सालयों, नर्सिंग होम, प्रयोगशाला, डायग्नोस्टिक सेंटर व अन्य सभी प्रकार के निदान केन्द्रों पर प्रभावी नियंत्रण तथा इनके द्वारा जनता को सुलभ व सुगम चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने व जनता को शोषण से बचाने के लिए जल्द ही क्लिनिकल एस्टाब्लिश्मेंट एक्ट (Clinical Establishment Act) लागू किये जाने पर सहमति दी है, जिसके अन्तर्गत राज्य व जनपद स्तरीय समितियां एवं प्राधिकरण गठित कर, प्राईवेट अस्पतालों, निदान केन्द्रों व प्रयोशालाओं आदि पर नियंत्रण हो सकेगा व आम जनता के हो रहे शोषण से निजात मिलेगी।