आज पीयूष गोयल द्वारा पेश चुनावी बजट ने घर खरीदारों को पूर्ण रूप से निराश किया। जैसा कि पिछले कुछ दिनों से खबर आ रही थी कि केंद्र और राज्य दोनों सरकारें मिलकर नोएडा ग्रेटर नोएडा के तीन लाख फंसे हुए फ्लैट को जल्द पूरा कराने की जिम्मेवारी लेंगे। फ्लैट खरीदारों में आज सुबह से ही बजट को लेकर काफी उत्सुकता थी और ये उम्मीद जताई जा रही थी कि जो तीन लाख फंसे हुए फ्लैट खरीदार है उनके लिए सरकार इस बार के चुनावी बजट में राहत की खबर लेकर आएगी। लेकिन एक बार फिर उन तमाम फ्लैट खरीदारों को निराशा ही हाथ लगी।
सितंबर 2017 में मुख्यमंत्री योगी द्वारा जो तीन मंत्रियों की कमिटी बनाई गई थी। उस कमिटी द्वारा भी नेफोवा तथा सभी फ्लैट खरीदारों के आग्रह पर आम्रपाली, जेपी, अर्थ, यूनिटेक जैसे तमाम ठप्प पड़े प्रोजेक्ट में निर्माण कार्य शुरू कराए जाने के लिए सरकार द्वारा स्ट्रेस फण्ड मुहैया कराए जाने की बात स्वीकार की गई थी तथा कमिटी ने सभी घर खरीदारों को उनका घर दिलाये जाने का वायदा किया था। लेकिन सारे वादे धरे रहे गए।
नेफोवा एक लंबे समय से ठप्प पड़े प्रोजेक्ट को पूरा कराने के लिए संघर्ष करती आई है। कई दफा निर्माण शुरू कराने के लिए स्ट्रेस फण्ड और ईएमआई बंद कराने की मांग को लेकर धरने प्रदर्शन भी किये गए। मुख्यमंत्री, बड़े नेताओं, एमपी, एमएलए, मंत्रियों के सामने बार बार मांग रखी गई। लेकिन फ्लैट खरीदारों की, विशेषकर फंसे हुए प्रोजेक्ट के फ्लैट खरीदारों की मांग को आज के बजट में पूरी तरह खारिज कर दिया गया। ना ही स्ट्रेस फण्ड के बारे में कोई चर्चा हुई और न ही ठप्प पड़े प्रोजेक्ट के फ्लैट खरीदारों के इएमआई माफ किये जाने पर सरकार ने कोई निर्णय लिया। पिछले दस साल से रेंट और इएमआई की दोहरी मार झेल रहे तीन लाख से भी अधिक फ्लैट खरीदारों के लिए आज का बजट सिर्फ और सिर्फ निराशापूर्ण रहा।