Greater Noida, (6/12/2018): गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के बी0 एड0 के लगभग 90 % छात्रों ने उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा में प्रथम प्रयास में ही शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण की छात्रों की इस उपलब्धि पर विभाग का उत्साह देखते ही बनता है। छात्रों ने इस अभूतपूर्व सफलता हेतु गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के शैक्षिक वातावरण, स्वस्थ्य प्रतिस्पर्धा, अध्यापकों के मार्गदर्शन एवं कुशल निर्देशन हेतु आभार व्यक्त किया
विभाग की अन्य उपलब्धियों के क्रम में डॉ रिंकल शर्मा संकाय सदस्या ने राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान के स्वयं प्रभा चैनल पर सीधे प्रसारण में सर्व शिक्षा अभियान एवं शिक्षा का अधिकार के अंतर्गत सामुदायिक सहभागिता की प्रासंगिकता विषय पर दर्शकों से सीधा संवाद स्थापित किया ।विषय के प्रभावी प्रस्तुतीकरण हेतु उन्हें सराहा गया ।
शिक्षा विभाग प्रारम्भ से ही शैक्षिक एवं किर्याकलापों के चलते अपनी पहचान दर्ज कर चुका है| अभी हाल ही में विभागाध्यक्ष डॉ विनोद कुमार शनवाल ने महात्मा गाँधी अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय, भायला पी. जी. डिग्री कालिज एवं एम. एम. एच. पी. जी. डिग्री इत्यादि में अपना व्याख्यान दे चुके हैं। डॉ शनवाल ने बताया कि 15 दिसंबर 2018 को गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में तनाव पर काबू पाने और क्षमता बढ़ाने के लिए भावनात्मक बुद्धि पर एक कार्यशाला आयोजित करेंगे इस कार्यशाला में तनाव से मुक्ति इत्यादि पहलुओं पर चर्चा की जाएगी जैसा की अध्ययनों से पता चला है कि तनाव को दूर करने के लिए भावनात्मक बुद्धि को सबसे अच्छा माध्यम माना जाता है। अन्य गुणों के अलावा यह दूसरों की भावनाओं को समझने में भी मदद करता है। अध्ययनों से पता चला कि भावनात्मक बुद्धि जीवन के अनुभवों के साथ बढ़ाया भी जा सकता है। यह सबसे महत्वपूर्ण उपयो में से एक है जिसका प्रयोग तनावपूर्ण स्थितियों को नियंत्रित करने और भावनाओं के बेहतर प्रबंधन में किया जा रहा है। इसलिए भावनात्मक बुद्धि जो हम सभी को पोषित और मजबूत किया जाना चाहिए। अगर किसी को तदनुसार तनावपूर्ण स्थिति का जवाब देने के लिए अपने निजी संसाधनों ताकत और अभ्यास रणनीतियों के बारे में पता है तो ऐसी समस्याओं को प्रभावी ढंग से और आसानी से निपटाया जा सकता है। शोध के अनुसार आईक्यू किसी व्यक्ति की सफलता का 20% योगदान देता है शेष 80% ईक्यू में बहुत योगदान होता है। केवल 36% लोग अपनी भावनाओं को समझने में सक्षम हैं। इसलिए, शोध के लिए इस विषय पर बात करना बहुत महत्वपूर्ण है।