ऑटो कोड की वजह से ऑटो में छूटा बैग मिला वाप स

ग्रेटर नॉएडा के अल्फा 2 निवासी डॉली, दिल्ली स्तिथ कोचिंग से वापस आने के दौरान उनका बैग भूलवश ऑटो में छूट गया था। उनके बैग में आधार कार्ड समेत अन्य जरुरी शैक्षिक कागजात थे। ऑटो से बैठते वक्त उन्होंने ऑटो कोड नंबर 1902 देखा था जो याद भी रह गया था. एक्टिव सिटीजन टीम से संपर्क साधने पर हरेंद्र भाटी ने कोड रजिस्टर चेक किया जिसमे ड्राइवर के तौर पर दादरी निवासी इमरान का नाम अंकित था। इमरान से बात करने पर उसने बताया की रात के वक्त उसको ये बैग ऑटो में मिला था लेकिन ये नहीं पता था की किस सवारी का है। इमरान ने अगले दिन सुबह आकर ग्रेटर नॉएडा बैग वापस किया। अपने सारे जरुरी कागजों को पाकर डॉली के ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा।

हरेंद्र भाटी ने बताया की "ऑटो कोड की वजह से अब तक लगभग 90-100 लैपटॉप के साथ साथ काफी संख्या में लोगो का सामान एवं अन्य बैग जो छूट जाते है वो लोगो को वापस मिल पाए है। हालांकि विगत दो वर्षो के दौरान कई ऑटो पर से या तो कोड मिट गए है या उनका मालिकाना बदल चूका है। फ़ोन नंबर एवं ड्राइवर भी बदल चुके है। ऐसी स्तिथि में पुनः एक कैंप लगाने की आव्यशकता है जिसमे इन सभी जरुरी सूचनाओं को पुनः अंकित किया जाय।"
इस दौरान आलोक सिह, हरेन्द्र भाटी, राम कुमार नागर, रवीन्द्र गर्ग,सजीव खारी, मौजूद रहे।

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