ग्रेटर नोएडा: मास्टर प्लान से बाहर जमीन खरीदकर यमुना प्राधिकरण को करीब तीन हजार करोड़ का नुकसान पहुचाने के मामले की जांच रिपोर्ट चैयरमेन ने एसीईओ को वापस लौटा दी है । उन्हें दोषियों के नाम उजागर करने एवं विस्तृत जांच रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है । चैयरमेन के इस कदम से घोटाले में शामिल रहे अधिकारी, नेताओ की मुश्किलें बढना तय है । उल्लेखनीय है कि यमुना प्राधिकरण ने मास्टर प्लान से बाहर जाकर करोड़ो रूपये की जमीन खरीदी थी। इस खरीद फरोख्त में जमकर खेल हुआ। अधिकारियों , नेताओं ने किसानों स्व कौड़ियों बीके दाम पर जमीन खरीद ली और बाद में उसे प्राधिकरण को ऊंची दरों पर बेच कर करोड़ो रूपये डकार लिए। प्राधिकरण ने जमीन के एवज में सर्किल रेट से अधिक कीमत चुकाई। मूल मुआवजा के अलावा 64.7फीसद अतिरिक्त मुआवजा बाटने में प्राधिकरण ने गजब की तेजी दिखाई।
मास्टर प्लान से बाहर होने की वजह से प्राधिकरण इस जमीन पर किसी तरह की योजना भी नही निकाल सका और न ही जमीन पर कब्जा ले सका।
मामला सामने आने पर चैयरमेन डॉ प्रभात कुमार ने एसीईओ अमरनाथ उपाध्यक्ष को जांच सौपी थी । इसमे अधिकारियों व नेताओ के गठजोड़ से प्राधिकरण को करोड़ो रूपये के राजस्व के नुकसान की बात सामने आई । अधिकारी भी प्राधिकरण को चुना लगाने में पीछे नही रहे है । एसीईओ ने सितम्बर अंत मे जांच रिपोर्ट चैयरमेन को सौपी थी। लेकिन अपनी जांच रिपोर्ट में उन्होंने किसी नाम का उजागर नही किया था ।