फ्लैट खरीदारों की सुरक्षा के मद्देनज़र ग्रेटर नोएडा में भी बहुमंजिला इमारतों के स्ट्रक्चरल ऑडिट की पॉलिसी तय

ग्रेटर नोएडा। नोएडा की तरह ही ग्रेटर नोएडा में भी बहु मंजिला इमारतों की स्ट्रक्चरल ऑडिट कराने की रूपरेखा तय कर दी गई है। बहु मंजिला इमारतों में फ्लैट खरीदारों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने बुधवार को इस पर हरी झंडी दे दी है।

दरअसल, नोएडा-ग्रेटर नोएडा में बड़ी संख्या में बहु मंजिला इमारतें बनी हुई हैं। इनमें रहने वाले निवासी बिल्डिंग की सेफ्टी के लिए स्ट्रक्चरल ऑडिट की मांग करते रहे हैं। इसे देखते हुए नोएडा-ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने स्ट्रक्चरल ऑडिट कराने का फैसला लिया है। बुधवार को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने इसकी पॉलिसी पर मुहर लगा दी है। इसके अनुसार स्ट्रक्चरल ऑडिट के लिए जल्द ही एक पैनल तैयार किया जाएगा, जिसमें आईआईटी, एनआईटी, सेंट्रल विवि, सीएसआईआर से संबंधित रिसर्च इंस्टीट्यूट के प्रतिनिधि को शामिल किया जाएगा। अधिभोग प्रमाण पत्र जारी करने से पांच साल तक बिल्डर के खर्च पर स्ट्रक्चरल ऑडिट कराया जाएगा। इससे अधिक समय बीतने पर एओए खर्च वहन करेगा। अगर किसी प्रोजेक्ट के 25 प्रतिशत आवंटियों द्वारा स्ट्रक्चरल डिफेक्ट्स की शिकायत की जाती है तो प्राधिकरण उस शिकायत का खुद से परीक्षण करेगा। इसके लिए प्राधिकरण की तरफ से समिति बना दी गई है। समिति के निर्णय के आधार पर ऑडिट कराने का फैसला लिया जाएगा। बिल्डर की तरफ से स्ट्रक्चरल ऑडिट न कराने पर प्राधिकरण नोटिस जारी कर एक माह में रिपोर्ट मांगेगा। अन्यथा की स्थिति में प्राधिकरण इंपैनल्ड कंसल्टेंट से ऑडिट कराकर इसका व्यय बिल्डर से वसूल करेगा। प्राधिकरण बहुत जल्द प्रतिष्ठित संस्थानों की सूची तैयार करेगा।

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