नवनियुक्त पराविधिक स्वयंसेवकों के प्रशिक्षण संबंधी इन्डक्सन कोर्स के अंतिम चरण का हुआ आयोजन

टेन न्यूज नेटवर्क

ग्रेटर नोएडा (13/04/2022): राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली व उ0 प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के निर्देशों के अनुपालन में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, गौतमबुद्वनगर में नवनियुक्त पराविधिक स्वयं सेवकों के प्रशिक्षण संबंधी इन्डक्सन कोर्स का अंतिम चरण का आयोजन आज दिनांक 13.04.2022 को ईशान कॉलेज के सभागार में किया गया।

प्रशिक्षण कार्यक्रम में अशोक कुमार जैन, सदस्य सचिव, राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली, अशोक कुमार सप्तम, जिला एवं सत्र न्यायाधीश, राजीव कुमार वत्स, अपर जिला जज, ऋचा उपाध्याय, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, सुशील कुमार पंचम, सिविल जज सि0डि0, जयहिंद कुमार सिंह, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, विकास कुमार वर्मा, अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, प्रदीप कुमार कुशवाहा, अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, द्वितीय, अवधेश कुमार, सिविल जज सि0डि0/एफटीसी, नितिका महाजन, सिविल जज जू0डि0, हर्षिका रस्तोगी, सिविल जज जू0डि0, अरुण प्रताप सिंह, जेल अधीक्षक, संजय लाल, श्रमिक विभाग, ईशान काॅलिज के चैयरमैन डी0के0 गर्ग व सीईओ तुषार आर्य व चयनित पराविधिक स्वंय सेवकों के साथ अन्य स्टाफ आदि द्वारा उक्त कार्यक्रम में प्रतिभाग किया गया।

अशोक कुमार जैन, सदस्य सचिव, राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली द्वारा बताया गया कि पीएलवी गरीब व असहाय लोग न्याय दिलाने और लोगों के प्री-लिटीगेशन से संबंधित मामलों को प्रारंभिक स्तर पर ही आपसी बातचीत से सुलझाने का कार्य करते है। पैरा लीगल वालंटियर का कार्य गांव-गांव जाकर आमजन को उनके विधिक अधिकारों व कर्तव्यों के बाबत जागरुक करना तथा त्वरित न्याय प्रदान करने के लिए उन्हें सही रास्ता बताना है।

अशोक कुमार सप्तम, जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने बताया कि पराविधिक स्वंय सेवक का कार्य अत्यंत महत्वपूर्ण होता है उनकी जिम्मेवारी भी बहुत ज्यादा होती है. किसी भी झगड़े का फैसला करवाते समय एक पैरा लीगल वालंटियर को बेहद हीं धैर्य से काम लेना पड़ता है। वादी या प्रतिवादी किसी भी पक्षकार का पक्ष लिए बिना पूर्ण निष्पक्षता से अपना कार्य करना होता है। इस क्रम में पैरा लीगल वालंटियर पक्षकारों के बीच की कटुता को दूर कर उनमें मधुर सम्बन्ध बनाने का प्रयास भी करता है। सीधे सीधे शब्दों में कहें तो वंचितों, शोषितों, उपेक्षितों को न्याय दिलाने की प्रक्रिया में पैरा लीगल वालंटियर की भूमिका एक कर्मयोगी के समान होती है।

सचिव डी.एल.एस.ए, जयहिंद कुमार सिंह ने पीएलवी प्रशिक्षण का सत्र के दौरान उपस्थित पराविधिक स्वंय सेवकों को कचहरी की व्यवहारिक समस्याओं तथा कमजोर व वंचित वर्गों की समस्याओ को जानने तथा उन समस्याओं पर कार्य करते हुये समाधान निकालने व उनको निरन्तर समाज के उत्थान के लिये कार्य करने के बारे में विस्तृत जानकारी दिया गया।

अरुण प्रताप सिंह, अधीक्षक जिला कारागार द्वारा जेल में निरुद्ध बंदियों के अधिकारों के प्रति विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराई गई। श्रमिक विभाग की ओर से उपस्थित श्री संजय लाल, द्वारा श्रमिकों के अधिकार, श्रम कार्ड, न्यूनतम मजदूरी अधिनियम व मजूदरों से जुरे अन्य अद्यतन कानूनों आदि के बाबत विस्तारपूर्वक जानकारी उपलब्ध कराई गई। ईशान काॅलिज के चैयरमैन श्री डी0के0 गर्ग द्वारा मीडियशेन विषय पर जानकारी उपलब्ध कराई गई उनके द्वारा बताया गया कि आपसी विवादों को सुलह समझौते के माध्यम से निस्तारित किया जा सकता है।

उक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम में श्री अशोक कुमार जैन, सदस्य सचिव, राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली, अशोक कुमार सप्तम, जिला एवं सत्र न्यायाधीश, राजीव कुमार वत्स, अपर जिला जज, ऋचा उपाध्याय, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, सुशील कुमार पंचम, सिविल जज सि0डि0, जयहिंद कुमार सिंह, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, विकास कुमार वर्मा, अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, प्रदीप कुमार कुशवाहा, अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, द्वितीय, अवधेश कुमार, सिविल जज सि0डि0/एफटीसी, नितिका महाजन, सिविल जज जू0डि0, हर्षिका रस्तोगी, सिविल जज जू0डि0, अरुण प्रताप सिंह, जेल अधीक्षक, संजय लाल, श्रमिक विभाग, ईशान काॅलिज के चैयरमैन डी0के0 गर्ग, व सीईओ तुषार आर्य व लाॅ काॅलिज से आये सम्मानित प्रोफेसर व प्रभारी विधिक सहायता केन्द्र, विधि छात्र एवं पराविधिक विधिक स्वंय सेवकगण एवं स्टाफ आदि उपस्थित रहे।

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