सीएजी ने पत्र भेज ग्रेनो प्रधिकरण से पिछले पांच वर्षों का माँगा ब्यौरा।

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को भारती महालेखा नियंत्रक एवं परीक्षक ( सीजीए ) ने शुक्रवार को एक पत्र भेजा जिसमे उसने ग्रेटर नोएडा प्रधिकरण से 2012 के बाद पांच लाख से ऊपर के जितने भी विकास व निर्माण कार्यों के टेंडर निकले है उनका ब्यौरा माँगा है।

सीएजी ने पिछले पांच वर्षों में प्रधिकरण द्वारा जो बिल्डर योजना के तहत आवंटित भूखंड और उनकी आरक्षित दरे, बिड डालने वाले बिल्डरों के नामो की सूची, नीलामी में दर्ज की गई धनराशि की भी जानकारी प्रधिकरण से मांगी है।

पांच वर्षों में बिल्डरों को कितनी बार जीरो पीरियड का लाभ दिया गया है इसके कारण प्रधिकरण को कितनी वित्तीय हानि हुई है। बिल्डरों को जीरो पीरियड देने के कारणों की भी जानकारी मांगी गई है।

प्रधिकरण ने पांच सालो में कितनी जमीन अधिगृहित की और किस दर में किसानों को मुआवजा दिया है। आवंटित जमीन की दरे क्या थी। निर्माण व विकास कार्यों के टेंडर किस लागत से निकले गए इसकी भी जानकारी सीएजी ने मांगी है। साथ ही साथ प्रधिकरण द्वारा प्रधिकरण की बड़ी परियोजनाओं, सड़कों, पार्को, पेड़ और पौधों के रखरखाव पर प्रतिवर्ष होने वाले खर्चे का भी ब्यौरा देना होगा।

प्रदेश सरकार ने प्रदेश की तीनों प्रधिकरण का सीएजी से ऑडिट करने का फैसला लिया है
सुचना के आधार पर सीएजी का पत्र मिलते ही प्रधिकरण पिछले पांच वर्षों की जानकारी जुटाने में लग गया है सूचनाये एकत्रित करने में सप्ताह से भी ज्यादा का समय लग सकता है।

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