खर्चों में कटौती के लिए यमुना प्राधिकरण ने हटाए 200 अस्थाई कर्मचारी

ग्रेटर नोएडा : यमुना प्राधिकरण कर्जा मुक्त होने के लिये पहले इलाहाबाद और आगरा बने यमुना प्राधिकरण के गेस्टहॉउस को बंद करा उसके बाद ऑफिस में चाय-पानी और ऐसी भी बंद करा दी और अब प्रोजेक्ट विभाग में पिछले 10 – 15 सालो काम कर रहे 200 अस्थाई कर्मचारियों को भी नौकरी से गुरुवार को निकल दिया ।

यमुना प्रधिकरण ने 200 अस्थाई कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है जब इस बात का पता अस्थाई कर्मचारियों को चला तो इसके विरोध में वो प्राधिकरण के गेट पर ही धरने पर बैठ गए।
निकाले गए कर्मचारियों ने कहा कि हम काफी समय से यमुना प्राधिकरण के लिये काम कर रहे है प्राधिकरण ने बिना बताये और नोटिस दिए बिना हमें निकल दिया है। हम पिछले 10-15 सालो से प्रोजेक्ट विभाग में काम कर रहे हैं। कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि प्रधिकरण में जीएम प्रोजेक्ट देवेंद्र सिंह बालियान ने अस्थाई रूप काम कर रहे 200 कर्मचारियों बिना नोटिस दिये नौकरी से निकाल दिया और अपने लोगो को प्लेसमेंट के माध्यम से रख रहे है। उन्हें पिछले कई महीनो से वेतन भी नहीं दिया गया है।जब तक हमें नौकरी में वापस नहीं रखा जायेगा तब तक हम धरने पर बैठे रहेंगे और हमारा धरना जारी रहेगा।

यमुना प्राधिकरण के जीएम प्रोजेक्ट देवेंद्र सिंह बालियान ने कहा की काम से निकाले गए कर्मचारियों के विषय में सोमवार को सीईओ के साथ मीटिंग कर फैसला लिया जायेगा।
धरने पर बैठे करचरियों में कुशल त्यागी, सिद्धार्थ यादव, प्रदीप कुमार, हरिमोहन सिंह, अरुण कुमार, ललितेश, राहुल, नितिन, प्रदीप यादव, शिव कुमार, नवीन कुमार, गजेंद्र कुमार, अनिल कुमार, गौरव, कैलाश, सौरभ अदि कर्मचारी शामिल हैं।

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