POEM ON MNAREGA BY DR M L VERMA KRANT

भजन लिखने जा रहा हूँ ⬇
मन रे! गा गान्धी… गान्धी…
मुल्क की कर दे बर्बादी…
रे मन रे!….
ओ मन रे!!
गा गान्धी…गान्धी…!!!
@ Krant G.Noida

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