नवाज देवबंदी का पलायन पर तंज, “शहरों में कि राए का घर ढूंढ रहे हो, ये गांवों में घर छोड़ के आ ने की सजा है”!

तेजी से हो रहे पलायन पर कवी नवाब देवबंदी ने बोला, ‘रोने की सजा है ना रुलाने की सजा है,
ये दर्द मुहब्बत को निभाने की सजा है,

शहरों में किराए का मैं ढूंढ रहे हो,
ये गांवों में घर छोड़ के आने की सजा है ।"

उन्होंने आगे बोलते हुए कहा

‘जलते घर को देखने वालों घर फूंस का आप का है,
आग के पीछे हवा तेज है अगला मुकद्दर आप का है"

भरा हुआ पूरा सदन तालियों से गूंज पड़ा।

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