राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने निकाला भारतीय नववर्ष पर पथ संचलन

विश्व में हो रही भारत माँ की जयकार स्वयंसेवकों की 90 वर्षों तपस्या का सुफल :- कृपाशंकर चैत्र शुक्ल प्रतिपदा, भारतीय नववर्ष से पूर्व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों ने गौतमबुद्ध नगर जिले में तीन स्थानों ग्रेटर नोएडा,दादरी और झाझर में पथ संचलन निकाला.ग्रेटर नोएडा में यह संचलन श्रमविहार पार्क गामा -2 से निकलकर, रामपुर जागीर, बीटा 1, जगत फार्म, गामा-1 होते हुए वापस श्रमविहार पार्क में समाप्त हुआ. वहीं दादरी नगर के स्वयंसेवकों का संचलन मिहिरभोज स्नातकोत्तर महाविद्यालय से निकलकर रेलवे रोड होते हुए रामवाटिका मोड़ से घूमकर नगरपालिका होते हुए वापस महाविद्यालय पर समाप्त हुआ. झाझर में यह संचलन मुख्य मोटर मार्ग और बाज़ार में निकाला गया. सभी स्थानों पर नगर
वासियों और महिलाओं ने पुष्पवर्षा कर इन संचलनों का स्वागत किया. ग्रेटरनोएडा में 430, दादरी में 380 और झाझर में 240 स्वयंसेवकों ने संचलन में भाग लिया. चैत्रशुक्ल प्रतिपदा संघ के संस्थापक डॉक्टर केशवराव बलिराम हेडगेवार जी की जयन्ती भी है अत: संचलन के पूर्व सभी स्वयंसेवकों ने उन्हे श्रद्धापूर्वक प्रणाम भी किया. दादरी के कार्यक्रम में बोलते हुए उत्तर प्रदेश और उत्तराखण्ड के संयुक्त प्रचार प्रमुख श्री कृपाशंकर जी ने स्वयंसेवकों को नववर्ष की शुभकामनायें देते हुए कहा कि वर्तमान समय में पूरे विश्व में भारत माँ की हो रही जय
जयकार स्वयंसेवकों की 90 वर्षों से अधिक की तपस्या का सुफल है. उन्होने कहा कि हमारा यह नववर्ष उमंग लेकर आता है, हम मानते हैं कि इसी दिन सृष्टि की रचना की गई थी. प्रकृति भी परिवर्तन का संदेश देती है, इसी समय आय व्यय का आकलन होता है और आगे की आर्थिक योजनायें बनती हैं. अत: सही मायनों में यही नया वर्ष है. उन्होने कहा कि वह दादरी में 1977 में दादरी में प्रचारक रहे थे. तब यहाँ 25 लोगों ने संचलन में भाग लिया था, जिनमें से संघ का गणवेश तो मात्र 10 लोगों के पास ही था. उन्होने दादरी के अपने प्रचारक जीवन में तत्कालीन कार्यकर्ताओं से साथ का अनुभव भी साझा किया.उन्होने कहा कि 1948, 1975 एवं 1993 में लगाये गये प्रतिबंधों के बावजूद संघ बढ़ता ही जा रहा है. दादरी के संचलन में विधायक तेजपाल नागर ने भी स्वयंशेवकों के साथ भाग लिया.वहीं ग्रेटर नोएडा में मेरठ प्रांत के प्रचारक धनीराम जी ने स्वयंसेवकों को नववर्ष की बधाई देते हुए कहा कि 1925 में संघ की स्थापना आत्म विस्मृत हिन्दू समाज को जागृत करने के लिये की गई थी, हम सभी के प्रयासों से यह शक्तिशाली समाज जाग रहा है और भारत माँ को वैभव संपन्न बनाने के लिये कमर कस चुका है. यह परिवर्तन अब सभी को स्पष्ट दिखाई भी दे रहा है.

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