ग्रेनो वेस्ट में बिल्डर्स के खिलाफ प्रदर् शन करते वायर्स।

बिल्डर द्वारा रकम नहीं जमा किये जाने की दशा में प्राधिकरण द्वारा प्लाट निरस्त किये जाने तथा बिल्डर के भाग जाने के बाद आज ग्रेटर नॉएडा वेस्ट में भारी संख्या में आक्रोशित फ्लैट खरीदारों ने नेफोवा के पदाधिकारियों के साथ मीटिंग की | मीटिंग में मुख्य रूप से वैल्यू इन्फ्राबिल्ड प्राइवेट लिमिटेड के सेक्टर १२ स्थित स्काई वाक प्रोजेक्ट, जेकेजी ग्रुप के पाम कोर्ट प्रोजेक्ट, आम्रपाली तथा सुपरटेक के तमाम प्रोजेक्ट्स के फ्लैट खरीदारों ने हिस्सा लिया |

वैल्यू इन्फ्राबिल्ड प्राइवेट लिमिटेड के सेक्टर 12 स्थित स्काई वाक प्रोजेक्ट के फ्लैट खरीदारों का आरोप है कि बिल्डर को 2010-11 में प्राधिकरण द्वारा जमीन आवंटित की गयी थी, जिसपर स्काई वाक नाम से प्रोजेक्ट लांच किया गया , जिसमे 2012 में करीब 150 लोगों ने फ्लैट की बुकिंग करायी थी | लेकिन बार बार नोटिस भेजने के बावजूद बिल्डर ने प्राधिकरण के पास रकम नहीं जमा की , जिसकी वजह से प्राधिकरण ने जनवरी, 2017 में जाकर प्लाट को कैंसिल कर दिया | इस बीच प्रोजेक्ट पर कोई निर्माण नहीं किया गया तथा बिल्डर भी भागा हुआ है | ऐसे में प्रोजेक्ट में फ्लैट बुक कराये करीब डेढ़ सौ फ्लैट खरीदार खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे है | फ्लैट खरीदारों ने बिल्डर के साथ साथ प्राधिकरण पर भी आरोप लगते हुए कहा कि समय रहते प्राधिकरण ने कोई कदम क्यूँ नहीं उठाया? बिना बिल्डर की वित्तीय हालत और उनका ट्रैक रिकॉड देखते हुए प्राधिकरण कैसे जमीन आवंटित कर सकती है ? पहले सालों तक प्राधिकरण बिल्डर की मनमानियों पर मूकदर्शक बनी रहती है और फिर एकदम से प्लाट और प्रोजेक्ट कैंसिल कर देती है | ऐसे में नुकसान सिर्फ और सिर्फ फ्लैट खरीदार का होता है , क्यूंकि पैसा सिर्फ बायर का ही फंसा होता है | आज की मीटिंग में निश्चय किया गया है कि नेफोवा पदाधिकारियों के साथ मिलकर वैल्यू इन्फ्राबिल्ड के फ्लैट खरीदार प्राधिकरण पर दवाब डालेंगे कि तमाम फ्लैट खरीदारों को ब्याज के साथ पूरी रकम लौटाई जाए , क्युकी पुरे प्रकरण में फ्लैट खरीदारों का कोई दोष नहीं है | यदि उनकी अपील पर सुनवाई नहीं होती है , तो नेफोवा की अगुवाई में फ्लैट खरीदार कोर्ट का रूख करेंगे | स्काई वाक प्रोजेक्ट के फ्लैट खरीदारों की तरफ से उपेन्द्र पाण्डेय , अनिल कुमार , पवन अग्रवाल , अमृत नेफोवा के साथ मीटिंग में शामिल हुए |

इनके अलावा जेकेजी ग्रुप के पाम कोर्ट प्रोजेक्ट तथा आम्रपाली तथा सुपरटेक के तमाम प्रोजेक्ट्स के फ्लैट खरीदार भी मीटिंग में हिस्सा लिए | इन बिल्डरों के हाउसिंग प्रोजेक्ट्स पर निर्माण कार्य लंबे समय से बंद है तथा बिल्डर सिवाय झुठे आश्वासन के और कुछ भी बताने की स्थिति में नहीं है। पिछले दिनों मीडिया में कुछ बिल्डर की गिरफ़्तारी और विदेश भागने की ख़बरों ने होम बायर्स की चिंता और बढ़ा दी है। फ्लैट खरीदारों की मांग है कि पोजेसन में हो रही देरी के लिए बिल्डर जुर्माना दे तथा प्राधिकरण इसके लिए हस्तक्षेप करे | प्राधिकरण की चुप्पी का ही फायदा बिल्डर उठाते है और बाद में खामियाजा सिर्फ बायर को उठाना पड़ता है | जेकेजी ग्रुप के पाम कोर्ट प्रोजेक्ट के फ्लैट खरीदारों की तरफ से विशाल शर्मा , देवेन्द्र मिश्र , नागेन्द्र सिंह , नितिन शर्मा , शशिकांत राय आज नेफोवा के साथ मीटिंग में शामिल हुए | आम्रपाली और सुपरटेक के तमाम प्रोजेक्ट्स के भी फ्लैट खरीदार मौजूद रहे |

नेफोवा ने आरोप लगाया है कि बिल्डर के भाग जाने के बाद प्राधिकरण द्वारा आवंटन रद्द का दिखावा किया जाता है। नेफोवा की मांग है कि अथॉरिटी कार्रवाई के नाम पर दिखावा बंद करे और वक्त रहते भागने वाले बिल्डरों को चिन्हित कर कार्रवाई करे, ताकि हज़ारों निर्दोष लोगों के जीवन भर की मेहनत की कमाई डूबने से बच सके | प्लाट कैंसिल होने या बिल्डर के भाग जाने की स्थिति में पर प्राधिकरण फ्लैट खरीदारों की जिम्मेदारी ले और फ्लैट खरीदारों को ब्याज समेत पूरा पैसा वापिस दिलवाए अन्यथा कोर्ट का सहारा लिया जायेगा |

नेफोवा की तरफ से अध्यक्ष अभिषेक कुमार , रविंदर जैन , सागर चौधरी , बी एन गुप्ता , मोहन पोद्दार, मिहिर गौतम आदि उपस्थित थे |

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