हरिश गुप्ता ।
उत्तर प्रदेश विधान सभा निर्वाचन घोषित होते ही आचार संहिता लागू हो गई है जिसका पालन कड़ाई से होना चाहिए । कुछ नेता माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों की धजजियाॅ उड़ाकर जाति धर्म के आधार पर एक होकर वोट डालने की बात कर रहे हैं उन्हें डिबार किया जाना चाहिए और यदि किसी पार्टी का अध्यक्ष ऐसा कर रहा है तो उसे पारटी अधयक्ष पद से हटाकर उससे केनडीडेट टिकिट देने का अधिकारभी छीन लेना चाहिए। शेषन जी ने निर्वाचन आयोग में जो कर दिखाया उनके बाद अब वह दम खम देखने को नहीं मिल रहा है ।नेताओं के ऊपर मात्र चेतावनी यह एक अच्छा उदाहरण नहीं।
केराना,बुलंदशहर आदि अनेक स्थानो से सत्ता के नियंत्रण मे हथियार बनाने की फेकटरियाॅ धड़ल्ले से चल थीं उनहे जरूर निरवाचनआयोग के नियं त्रण में आते ही पुलिस पकड़ने लगी है ।आए दिन ऐसे अवेध कारखाने पकड़े जा रहे हैं ।कया इनहे पकड़ने के लिए पुलिस वालों में पहले इच्छा शक्ति नहीं थी जो अब आ गई है या पहले न पकड़नेका आदेश था ।इसी लिए संभवतः जंगलराज की बात जोर शोर कही जाती थी जिसके प्रमाण इस समय देखने को मिल रहे हैं।