जी.एल. बजाज संस्थान परिसर में प्रवक्ताओं क े लिये सेमिनार का आयोजन

आज जी.एल. बजाज संस्थान परिसर में प्रवक्ताओं के लिये सेमिनार का आयोजन किया गया सेमिनार का विषय ‘‘आउट कम बेस्ड लर्निंग’’ था। सेमिनार में मुख्य वक्ता के रुप में बोलते हुये अर्चना तोषर ने कहा कि हमारी शैक्षिक पद्विति का मुख्य उद्देश्य छात्रों का निर्माण, बौद्विक विकास, भावनात्मक विकास तथा रोजगार परक शिक्षक देना है। उन्होने कहा कि अगर हम अपनी संस्कृति में देखें तो भारतीय शिक्षा पद्वति ने हमेशा इसी सिद्वांत पर जोर दिया है। उन्होनें कहा कि जो हमारी संस्कृति में हमेशा से था आज हम ही उसे भूल रहें है। किन्तु अगर हम अमेरिका, मलेशिया, फ्रांस आदि विकसित देशो को देखें तो हम पायेंगे कि विकसित देश आज रोजगार परक शिक्षा के साथ चरित्र निर्माण, भावनात्मक विकास तथा मुल्य परक शिक्षा पर जोर दे रहे है। उन्होने कहा कि खास कर वह सभी संस्थान जो टेकनिकल शिक्षा दे रहें है, उनके लिये यह अति आवश्यक है कि वह छात्रों के भावनात्मक विकास पर भी ध्यान दे। उन्होने कहा कि भावनात्मक विकास के बिना परिवार, समाज, देश तथा दुनिया में कभी भी खुशहाली नही आ सकती। उन्होने कहा की परमपरागत शिक्षा टीचर सेन्ट्रिक है जबकि आउट कम वेस्ड शिक्षा का सेन्टर छात्र है। परमपरागत शिक्षा में टीचर बताता है तथा छात्र याद करते है। जबकि आउट कम बेस्ड शिक्षा स्किल डेवलोपमेंन्ट पर जोर देती है। उन्होनें कहा कि आउट कम वेस्ड लर्निंग में टीचर छात्रों को सकारात्मक आलोचना के लिए प्रोत्साहित करता है। क्रीटिकल थिकिंग, रिजनिंग, रिफलेक्सन एण्ड एक्शन, आउट कम बेस्ड लर्निंग का आधार है। उन्होनें कहा कि यह छात्रों के विकास के लिए जरुरी है कि हम छात्रों के उन्दर इस मूल्यों का विकास करें। उन्होनें कहा कि प्रोफेसनल कॉलेजो में शिक्षक को फेसिलिटर की भूमिका निभानी चाहिये तथा छात्रों को आगे बढने में मदद करनी चाहिये। अर्चना तोषर अभी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, ऑर्गनाइजेशन में इलेक्ट्रीकल इंजीनीयरिंग विभाग की विभागाध्यक्ष है। कार्यक्रम की शुरुआत दीपक प्रज्वलित करके की गयी तथा संस्थान के चेयरमेन श्री पंकज अग्रवाल ने मुख्य वक्ता का स्वागत किया। संस्थान के निदेशक डॉ राजीव अग्रवाल ने धन्यवाद ज्ञापित किया। यह सेमिनार इलेक्ट्रीकल इंजीनीयरिंग विभाग द्वारा आयोजित किया गया। इलेक्ट्रीकल इंजीनीयरिंग विभाग के डीन डॉ एन.के. शर्मा का विशेष योगदान रहा।

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