यमुना प्राधिकरण की फाइलें अब होंगी ऑनलाइन, लागू होगी ई – प्रणाली

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यमुना प्राधिकरण जल्द ही एक नई पहल करने जा रहा है, या यूँ कहिये कि यमुना प्राधिकरण एक मई से पूरी तरह से डिजिटल हो जाएगा। एक मई के बाद से यमुना प्राधिकरण के अधिकारियों के सामने फाइलें नजर नहीं आएंगी। फाइलें डिजिटल होकर अधिकारियों तक पहुंचेगी। इन फाइलों पर ही अधिकारी अपनी टिप्पणी व आदेश अंकित करेंगे। प्राधिकरण की फाइलों की फाइल ट्रैकिग सिस्टम के जरिए निगरानी की जाएगी। कार्यशैली में दक्षता एवं पारदर्शिता बढ़ाने के लिए प्राधिकरण ई ऑफिस व्यवस्था लागू करने जा रहा है।
यमुना प्राधिकरण द्वारा आवंटियों की सुविधा के लिए एप्लीकेशन ट्रैकिग प्रणाली भी लागू करने की तैयारी है।  यमुना प्राधिकरण में करीब 57 हजार फाइलें हैं। इसमें 42 हजार फाइलें डिजिटल हो चुकी हैं। एक मई तक सभी फाइलें डिजिटल करने का लक्ष्य है। इसके बाद डिजिटल प्रारूप में ही फाइलें अधिकारी तक पहुंचेंगी।
इसके अलावा सारी फाइलें सर्वर पर पीडीएफ फाइल के रूप में भी सुरक्षित की जाएगी। सीईओ ने सभी फाइलों को एक मई से पहले डिजिटल करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही कर्मचारियों को नई व्यवस्था में कार्य करने में कोई दिक्कत न हो, उन्हें प्रतिदिन दो घंटे के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा।
यमुना प्राधिकरण के ओएसडी शैलेन्द्र कुमार भाटिया ने जानकारी देते हुए बताया ई-प्रणाली लागू होने से कार्य में दक्षता व पारदर्शिता बढ़ेगी। इसका सीधा फायदा आवंटियों को होगा। फाइलों की निगरानी के लिए फाइल ट्रैकिग प्रणाली के साथ आवंटियों की सुविधा के लिए एप्लीकेशन ट्रैकिग सिस्टम भी लागू किया जा रहा है। इसके तहत जब कोई उपभोक्ता प्राधिकरण संबंधित सेवाओं के लिए प्रार्थना पत्र देगा तो उसका मोबाइल फोन नंबर भी लिया जाएगा। एप्लीकेशन स्वीकार होने के साथ ही उसके मोबाइल फोन पर उसका यूनिक आइडी नंबर का एसएमएस आएगा। इस नंबर की मदद से आवंटी व अधिकारी जान सकेंगे कि प्रार्थना पत्र से संबंधित विषय के निस्तारण की क्या स्थिति है।
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