आईआईटी रुड़की के ग्रेटर नोएडा एक्सटेंशन सेंटर में जीनोमेटिक्स में मानवरहित एरियल सिस्ट म पर पहला अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन-2019

 

Greater Noida : भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) रुड़की ने 6 अप्रैल को ग्रेटर नोएडा एक्सटेंशन सेंटर में जीनोमैटिक्स में मानवरहित एरियल सिस्टम पर पहले अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन ;न्।ैळ.2019द्ध का आयोजन किया। इसका मकसद फोटोग्रामैट्री एवं रिमोट सेंसिंग, सर्वेइंग, रोबोटिक्स, कम्प्युटर विज़न, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, एयरोस्पेस इंजीनियरिंग, जीयोसाइंसेज़ और विभिन्न यूएएस यूजर समुदायों के विशेषज्ञों को एक मंच पर लाना है।

आयोजन का उद्घाटन प्रो. मनोरंजन परीदा, डीन एसआरआईसी, आईआईटी रुड़की ने किया और समन्वयन डाॅ. कमल जैन, प्रोफेसर, सिविल इंजीनियरिंग विभाग, आईआईटी रुड़की ने किया। उद्घाटन के अवसर पर मुख्य अतिथि थे डाॅ. बृजेंद्र पतेरिया, निदेशक, पंजाब स्टेट रिमोट सेंसिंग और इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि थे डाॅ. विश्वजीत प्रधान, विशिष्ट प्राचार्य, प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय। प्रो. एस के घोष, विभाग प्रमुख, सीईडी की उपस्थिति में अन्य २ाोधकर्ताओं, डेवलपरों, सेवा एवं सिस्टम प्रदाताओं के साथ-साथ यूजरों को भी प्रेजेंटेशन, पोस्टर पेश करने और विमर्श में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया ताकि जीयोमैटिक्स में यूएएस के उपयोग से २ाोध और प्रयोग के बीच सिनर्जी उत्पन्न किया जा सके। यूएएसजी 2019 सबसे हाल के महत्वपूर्ण विकासों के बारे में सीखने और जीयोमैटिक्स के २ाोध, प्रयोग और सेवाओं में यूएएस की भावी दिशाओं पर विचारों के आदान-प्रदान का बड़ा अवसर था।

यह सम्मेलन यूएवी के 4 प्रमुख थीमों पर आधारित था जो इस प्रकार हैं: एप्लीकेशंस एवं कार्य प्रक्रिया; स्टार्ट अप और भारतीय बाजार; परिकल्पना और अभिनव प्रयास; नियमन एवं आवश्यकताएं। इसके अतिरिक्त 4 प्लीनरी सेशन और 3 प्रौद्योगिकी सेशन में 27 व्याख्यान आयोजित किए गए और सम्मेलन के लिए चुने गए कुल 111 में 30 २ाोध पत्र पेश किए गए। बाकी के 81 बतौर पोस्टर पेश किए गए।

इस सम्मेलन के बारे में अपना विचार रखते हुए प्रो. मनोरंजन परीदा, डीन एसआरआईसी, आईआईटी रुड़की ने कहा, ‘‘इस सम्मेलन का मकसद २ाोधकर्ताओं, वैज्ञानिकों और शिक्षा विशेषज्ञों को साझा मंच देना था ताकि वे यूएवी सेक्टर के अभिनव दृष्टिकोण और नए निष्कर्ष प्रस्तुत करें।’’

‘‘इस अवसर पर आए सभी लोगों और अहम् विचार रखने वाले विद्वानों का मैं आभार व्यक्त करता हूं। मेरा मानना है कि सम्मेलन अपना मकसद पूरा करने में सफल रहा और यूएवी सेक्टर में भावी साझेदारियों के लिए महत्वपूर्ण विचारों के आदान-प्रदान और भावी अवसरों के प्रति दूरदृष्टि मिली,’’ प्रो. परीदा ने बताया।

आईआईआईटी रुड़की के निदेशक प्रो. अजीत के चतुर्वेदी ने कहा, ‘‘मुझे खुशी है कि आईआईटी रुड़की ने प्रौद्योगीकी के इस महत्वपूर्ण क्षेत्र के शिक्षाविदों, यूजरों, नियामकों और स्टार्ट-अप्स को एक साझा मंच दिया है। मुझे विश्वास है कि इस सुनियोजित सम्मेलन से सभी को कुछ सीखने के लिए मिला होगा।’’

जीयोस्पेशियल (भू-अंतरिक्ष) डाटा के लिए यूएएस के उपयोग के परिणामस्वरूप २ाुरुआती लागत और परिवहन खर्चों में कमी आई है और अधिग्रहण के लिए भी कम समय की आवश्यकता होगी।

जीयोमैटिक्स विभाग में यूएएस का लक्ष्य आधुनिक तकनीक आधारित विभिन्न अंतरिक्ष तकनीकियों के विकास और उपयोग को बढ़ावा देना है ताकि आज की धरती की बेहतर समझने, उचित योजना बनाने, निगरानी रखने और प्रबंधन में आसानी हो। साथ ही, देश की जरूरतों को पूरा करने के लिए विभिन्न मानचित्रों और स्पेशियल डाटा/ जानकारी का विकास किया जा सके और धरती के सापेक्ष किसी प्रकार के स्थान या भूखंड की सटीक अवस्थिति (हाॅरिजोंटल और वर्टिकल) का निर्धारण किया जा सके।

आई.आई.टी. रुड़की का परिचय ;ीजजचेरूध्ध्ूूूण्पपजतण्ंबण्पदध्द्ध
आईआईटी रुड़की इंजीनियरिंग, विज्ञान, प्रबंधन, आर्किटेक्चर एवं प्लानिंग, मानवीकी एवं समाज विज्ञान में उच्च शिक्षा के लिए राष्ट्रीय महत्व का संस्थान है। सन् 1847 में स्थापित संस्थान देश की तरक्की के लिए जरूरी तकनीकी शिक्षा सम्पन्न मानव संसाधन और तकनीकी जानकारी प्रदान करता है। टाइम्स हायर एडुकेशन एशिया युनिवर्सीटी रैंकिंग 2018 में आईआईटी रुड़की को सभी आईआईटी के बीच तीसरा स्थान मिला है। साइटेशन के मानक पर यह भारत का सर्वोच्च संस्थान घोषित किया गया है। आईआईटी रुड़की ने शिक्षा, प्रशिक्षण, शोध एवं विकास के साथ-साथ विभिन्न क्षेत्रों जैसे कि हाइड्रो, हाइड्रोलाॅजी, जल संसाधन, भूगर्भ विज्ञान, भूकंप, अक्षय ऊर्जा एवं पर्यावरण प्रबंधन में सलाह सेवा के लिए अग्रणी संस्थान रहा है। संस्थान के अंदर हाइड्रोपावर और जल क्षेत्र से जुड़े विश्वस्तरीय लैबरोटरीज़ हैं।

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