गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय में पारम्परिक रू प से मनायी गई होली

रंगों का त्योहार होली गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय में बड़े पैमाने पर मनाया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन डाॅ अरविन्द सिंह, निदेशक, अन्तरराष्ट्रीय संबन्ध के आवास पे किया गया था। होली के अवसर पर पिछले 7 वर्षों से पारम्परिक रूप से हर साल इस त्योहार को पारम्परिक रूप से मनाया जाता है।

यह विशेष आयोजन गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय में पढ़ाई कर रहे विदेशी छात्र – छात्रों को ध्यान में रखकर किया जाता रहा है। हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी विश्वविद्यालय के सभी विदेशी छात्र – छात्राऔं ने बडे जोशो खरोश से होली खेली। विदेशी छात्रों ने जम कर गुलाल से होली का त्योहार मनाया। रंग-गुलाल खेलने के पश्चात सभी विदेशी छात्र-छात्राओं ने भारतीय पकवान का लुफ्त लिया हैं। तत्पश्चात सभी छात्रों ने बौद्ध मंत्रोचचारण कर विश्व में भाईचारे एवं विश्व शांति के लिए प्रार्थना की।

ज्यादातर विदेशी छात्र बौद्ध अध्ययन एवं सभ्यता विभाग के बौद्ध भिक्षु व भिक्षुणी हैं जो वियतनाम, म्यांमार, लाओस, थाईलैंड, कंबोडिया, साउथ कोरिया, नेपाल, अफगानिस्तान, यमन, सूरीनाम (लैटिन अमेरिका) इत्यादि देशों के छात्र हैं। इस कार्यक्रम की मुख्य विशेषता यह थी कि इस विशेष होली के अवसर आनंद लेने वाले सभी छात्र हिन्दू धर्म को मानने वाले ही नहीं थे बल्कि ज्यादातर छात्रों का ताल्लुक अन्य धर्म से है। ज्यादातर छात्र बौद्ध धर्म को मानने वाले ही नही थे बल्कि वो सभी बौद्ध भिक्षु व भिक्षुणी भी है। इसके अलावा इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले बाकी छात्र इस्लाम धर्म के अनुयायी है जो भारतीय एवं विदेशी छात्र थे। गौतम बुद्ध विश्व विद्यालय के इस कार्यक्रम की विशेषता ही यही है कि इस में भाग लेने वाले सभी लोग किसी एक धर्म के नहीं बल्कि सभी धर्म के अनुयायी होते हैं। यह कार्यक्रम सर्व धर्म सम्भाव का अनुठा कार्यक्रम होता है और इसे सभी छात्र बडे हर्ष एवं उल्लास और बिना किसी भेदभाव के मनाते हैं। सभी विदेशी छात्र इस रंगों के त्योहार का हर वर्ष बडे बेसवरी से इन्तजार करते हैं। यह एक ऐसा अवसर होता है जब वो सीधे तौर पे भारतीय परम्परा एवं संस्कृति से रुबरू होते हैं।

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