जी.एल. बजाज संस्थान में शुरु हुआ 5 द्विवसीय फैकल्टी डेवलोपमेंट प्रोग्राम ‘इन्टरप्रिन्योरशिप, इन्यूवेशन एण्ड इनोवेशन’

जी.एल. बजाज संस्थान में शुरु हुआ 5 द्विवसीय फैकल्टी डेवलोपमेंट प्रोग्राम ‘इन्टरप्रिन्योरशिप, इन्यूवेशन एण्ड इनोवेशन’

ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क स्थित जी.एल. बजाज संस्थान में इन्टरप्रिन्योरशिप, इन्यवूशन एण्ड इनोवेशन विषय पर 5 द्विवसीय फैकल्टी डेवलोपमेटं प्रोग्राम की शुरुआत हुई। ऐ.के.टी.यु. द्वारा स्पोन्सर्ड इस एफ.डी.पी. प्रोग्राम का मुख्य उद्देश्य फैकल्टी को इन्टरप्रिन्योरशिप के विभिन्न पहलुओं से अवगत कराना है। कार्यक्रम की शुरुआत द्वीप प्रज्जवलन के साथ हुई।

अपने स्वागत भाषण में बोलते हुए संस्थान के वाईस चेयरमेन पकंज अग्रवाल ने कहा कि आज छात्रों को इन्टरप्रिन्योरशिप के लिये प्रेरित करने की आवश्यकता है। और यह काम फेकल्टी मेम्बर्स द्वारा सबसे अच्छे तरीके से किया जा सकता है। साथ ही उन्होनें कहा कि इन्टरप्रिन्योर ना सिर्फ अपना भविष्य सवाॅरता है बल्कि वह औरों के लिये रोजगार के अवसर भी पैदा करता है। वह समाज तथा देश की आर्थिक उन्नति में अभिन्न भूमिका निभाता है। इस अवसर पर पहले दिन चार सेशन का आयोजन किया गया।

जी.एल. बजाज, शारदा, जामियाँ, एक्यूरेट, एच.आर.आई.टी., स्कायलाईन आदि विभिन्न संस्थानों से करीब 60 फैकल्टी मेम्बर्स ने पहले दिन की-नोट स्पीकर के तौर पर आये वक्ताओं – डाॅ. रितिका यादव, चेयरपरसन-इनवेन्टीव फाउन्डेशन, मिस्टर पंकज तिवारी, मैनेजमेंट प्रोफेशनल, कन्सलटेन्ट एण्ड ट्रेनर, आदि से रुबरु हुए। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि तथा पहले सेशन ‘इंट्रोडक्शन एण्ड ओबजेक्टीव स्टोरिकाल बैकग्राउंड इन्टरप्रिन्योरशिप इनोवेशन एण्ड इन्क्यूवेसन: दी इंडियन प्रेसपेक्टिव’ की कि-नोट स्पीकर डाॅ. रितिका ने अपने संबोधन में बोलते हुए कहा कि इन्क्यूवेसन भारत के लिये नया नही है। अकबर के जमाने से यह चला आ रहा है।

साथ ही उन्होने ये भी कहा कि सिन्धु सभ्यता से ही भारत में इन्टरप्रिन्योरशिप का चलन रहा है। आज के दौर में हमें अपनी मानसिकता को बदले की आवश्यकता है तथा ज्यादा से ज्यादा लोगों को इन्टरप्रिन्योरशिप की ओर उन्मुख होने की जरुरत है। इस एफ.डी.पी. का आयोजन संस्थान के एम.सी.ए. विभाग के द्वारा किया गया है। खबर लिखे जाने

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