ग्रेटर नोएडा में मल्टी पॉइंट कन्वर्शन चार्ज के विरोध में शुरू हुई मुहीम

ग्रेटर नोएडा में मल्टी पॉइंट कन्वर्शन चार्ज के विरोध में शुरू हुई मुहीम 10 अगस्त को उत्तर प्रदेश विद्युत् नियामक आयोग ने 13 वा अमिडमेंट जारी करते हुए पूरे उत्तर प्रदेश में 31 मार्च 2019 तक सिंगल पॉइंट कनेक्शन खत्म करके मल्टी पॉइंट कनेक्शन देने का आदेश जारी किया था। मल्टी स्टोरी में रहने वाले प्रदेश के लगभग सभी निवासियो ने खुले दिल से इसका स्वागत किया। परंतु नोटिफिकेशन की 2 मुख्य शर्तो की वजह से इस महात्त्वकांशी योजना पर सवाल खड़े होने शुरू हो गए। नोटिफिकेशन के अनुसार सिंगल पॉइंट से मल्टी पॉइंट में परिवर्तन में जो भी खर्चा आएगा वो बिल्डर द्वारा बायर्स से वसूला जाएगा। हालांकि इसके लिए विद्युत् वितरण कंपनी की सहमति ज़रूरी होगी। पिछले दिनों गौर सिटी में बिल्डर द्वारा ई-मेल के माध्यम से बताया गया कि इसमें लगभग 60 हज़ार रु लगेंगे । हालाँकि निवासियो के कड़े विरोध एवं एनपीसीएल की आपत्ति के बाद इसको वापस ले लिया गया । इसके अतिरिक्त एक दुसरे नियम के अनुसार मल्टी पॉइंट में परिवर्तन के बाद भी सोसाइटी में आतंरिक नेटवर्क मेंटेनेंस की ज़िम्मेदारी बिल्डर की ही रहेगी । इस नियम की वजह से बिल्डर पर निर्भरता बनी रहेगी और मल्टी पॉइंट कनेक्शन का पूर्ण फायदा मिलना असंभव है। ऐसे में संभव है कि बिल्डर मेंटेनेंस शुल्क बढ़ा दे । अब नेफोवा ने इसके विरोध में ऑनलाइन पिटीशन शुरू की है जिसे 24 घंटो से कम समय में 1100 से अधिक लोग साइन कर चुके है। यह पिटीशन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा एवं सचिव विद्युत् नियामक आयोग को भेजी जा रही है । पिटीशन शुरू करने वाले नेफोवा सदस्य विकास कुमार ने बताया कि मल्टी पॉइंट कनेक्शन हमारी लंबे समय से प्रतीक्षारत मांग थी । सरकार का यह कदम स्वागत योग्य है , परंतु जिस तरह इस नोटिफिकेशन के माध्यम से विद्युत् वितरण कंपनी ने अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ लिया है वह बिलकुल स्वीकार्य नहीं है । मल्टी पॉइंट कनेक्शन अब हमारा अधिकार है और हम इसे बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के चाहते है । विकास कुमार ने बताया की ग्रेटर नोएडा वेस्ट की बहुमंजिला इमारतों में फ्लैट लेने के लिए बायर्स ने बिजली मीटर के नाम पर 50 हज़ार से 1.5 लाख रु तक बिल्डर को भरा है । ऐसे में फिर से बिजली कनेक्शन के लिए यदि पैसे भरने पड़े तो इससे आम उपभोक्ता का क्या फायदा होगा ? नेफोवा अध्यक्ष अभिषेक कुमार ने कहा कि नेफोवा बायर्स का संगठन है और फ्लैट बायर्स के हित के लिए हमेशा संघर्ष करेगा । उन्होंने बताया कि ऑनलाइन पिटीशन के अतिरिक्त नेफोवा ने ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा से भी मिलने का समय मांगा है जिससे विस्तार से उनसे चर्चा कर इस समस्या का समाधान निकाला जा सके । यदि आवश्यकता पड़ी तो हम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी गुहार लगाएंगे । इस ऑनलाइन पेटिशन को नॉएडा , ग्रेटर नोएडा की अनेको सोसाइटी में शेयर किया जा चुका है और लोग बहुत उत्साह के साथ इसमें भाग ले रहे है । नेफोवा सदस्य सुमिल जलोटा का कहना है कि अब यह पेटिशन एक आंदोलन बन चुका है । 1 दिन में 1000 से अधिक लोगो का इसमें जुड़ना यह दिखाता है कि यह कितना संवेदनशील मुद्दा है । विकास कुमार का कहना है कि सरकार और उत्तर प्रदेश विद्युत् नियामक आयोग को नोटिफिकेशन जारी करने से पहले उपभोक्ताओं के बीच सर्वे करना चाहिए था और अनुमानित खर्चे के बारे में भी पहले से जानकारी लेनी चाहिए थी । ऐसा लगता है कि यह नोटिफिकेशन बिना तैयारी , बिना किसी सर्वे के सिर्फ त्वरित वाहवाही लूटने के लिए ले आया गया , जबकि इसके नियमो की वजह से आम जनता को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा । ऐसे में इस मल्टी पॉइंट कनेक्शन योजना का भविष्य अनिश्चतता में है।

10 अगस्त को उत्तर प्रदेश विद्युत् नियामक आयोग ने 13 वा अमिडमेंट जारी करते हुए पूरे उत्तर प्रदेश में 31 मार्च 2019 तक सिंगल पॉइंट कनेक्शन खत्म करके मल्टी पॉइंट कनेक्शन देने का आदेश जारी किया था। मल्टी स्टोरी में रहने वाले प्रदेश के लगभग सभी निवासियो ने खुले दिल से इसका स्वागत किया। परंतु नोटिफिकेशन की 2 मुख्य शर्तो की वजह से इस महात्त्वकांशी योजना पर सवाल खड़े होने शुरू हो गए।

 

नोटिफिकेशन के अनुसार सिंगल पॉइंट से मल्टी पॉइंट में परिवर्तन में जो भी खर्चा आएगा वो बिल्डर द्वारा बायर्स से वसूला जाएगा। हालांकि इसके लिए विद्युत् वितरण कंपनी की सहमति ज़रूरी होगी। पिछले दिनों गौर सिटी में बिल्डर द्वारा ई-मेल के माध्यम से बताया गया कि इसमें लगभग 60 हज़ार रु लगेंगे । हालाँकि निवासियो के कड़े विरोध एवं एनपीसीएल की आपत्ति के बाद इसको वापस ले लिया गया ।

 

इसके अतिरिक्त एक दुसरे नियम के अनुसार मल्टी पॉइंट में परिवर्तन के बाद भी सोसाइटी में आतंरिक नेटवर्क मेंटेनेंस की ज़िम्मेदारी बिल्डर की ही रहेगी । इस नियम की वजह से बिल्डर पर निर्भरता बनी रहेगी और मल्टी पॉइंट कनेक्शन का पूर्ण फायदा मिलना असंभव है। ऐसे में संभव है कि बिल्डर मेंटेनेंस शुल्क बढ़ा दे ।  अब नेफोवा ने इसके विरोध में ऑनलाइन पिटीशन शुरू की है जिसे 24 घंटो से कम समय में 1100 से अधिक लोग साइन कर चुके है।

 

यह पिटीशन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा एवं सचिव विद्युत् नियामक आयोग को भेजी जा रही है ।

पिटीशन शुरू करने वाले नेफोवा सदस्य विकास कुमार ने बताया कि मल्टी पॉइंट कनेक्शन हमारी लंबे समय से प्रतीक्षारत मांग थी । सरकार का यह कदम स्वागत योग्य है , परंतु जिस तरह इस नोटिफिकेशन के माध्यम से विद्युत् वितरण कंपनी ने अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ लिया है वह बिलकुल स्वीकार्य नहीं है । मल्टी पॉइंट कनेक्शन अब हमारा अधिकार है और हम इसे बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के चाहते है । विकास कुमार ने बताया की ग्रेटर नोएडा वेस्ट की बहुमंजिला इमारतों में फ्लैट लेने के लिए बायर्स ने बिजली मीटर के नाम पर 50 हज़ार से 1.5 लाख रु तक बिल्डर को भरा है । ऐसे में फिर से बिजली कनेक्शन के लिए यदि पैसे भरने पड़े तो इससे आम उपभोक्ता का क्या फायदा होगा ?

 

नेफोवा अध्यक्ष अभिषेक कुमार ने कहा कि नेफोवा बायर्स का संगठन है और फ्लैट बायर्स के हित के लिए हमेशा संघर्ष करेगा । उन्होंने बताया कि ऑनलाइन पिटीशन के अतिरिक्त नेफोवा ने ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा से भी मिलने का समय मांगा है जिससे विस्तार से उनसे चर्चा कर इस समस्या का समाधान निकाला जा सके । यदि आवश्यकता पड़ी तो हम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी गुहार लगाएंगे ।

 

इस ऑनलाइन पेटिशन को नॉएडा , ग्रेटर नोएडा की अनेको सोसाइटी में शेयर किया जा चुका है और लोग बहुत उत्साह के साथ इसमें भाग ले रहे है । नेफोवा सदस्य सुमिल जलोटा का कहना है कि अब यह पेटिशन एक आंदोलन बन चुका है । 1 दिन में 1000 से अधिक लोगो का इसमें जुड़ना यह दिखाता है कि यह कितना संवेदनशील मुद्दा है । विकास कुमार का कहना है कि सरकार और उत्तर प्रदेश विद्युत् नियामक आयोग को नोटिफिकेशन जारी करने से पहले  उपभोक्ताओं के बीच सर्वे करना चाहिए था और अनुमानित खर्चे के बारे में भी पहले से जानकारी लेनी चाहिए थी । ऐसा लगता है कि यह नोटिफिकेशन   बिना तैयारी , बिना किसी सर्वे के सिर्फ त्वरित वाहवाही लूटने के लिए ले आया गया , जबकि इसके नियमो की वजह से आम जनता को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा ।

 

ऐसे में इस मल्टी पॉइंट कनेक्शन योजना का भविष्य अनिश्चतता में है।

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