सीता जी की पुकार सुन गिद्धराज जटायू पुष्पक विमान पर पहुंचते हैं और दशानन से उनका घनघोर य ुद्ध होता है। जिसके अंत में रावण चंद्रहास तल वार से जटायू के पंख काट देता है और वह असहाय होक र गिर जाते ह

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