ग्रेटर नोएडा के जीएल बजाज संस्थान में नवअ न्वेषकों ने किया वशिष्ठ प्रतिमा का प्रदर्शन

ग्रेटर नोएडा के जीएल बजाज परिसर में क्षेत्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी केंद्र , गाजियाबाद विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद , उत्तर प्रदेश के सहयोग से नव प्रवर्तकों को चिन्हित करने के लिए मंडल स्तरीय प्रदर्शनी तथा प्रतियोगिता का आयोजन किया गया ।

इस प्रतियोगिता में कुल 80 टीम ने भाग लिया । तीन वर्गों में क्रमश:– स्कूल (6 से बारहवीं कक्षा तक ) , इंजीनियर छात्र तथा असंगठित क्षेत्र जिसमें किसी भी आयु तथा वर्ग के प्रतिभागी ले सकते थे। वही दूसरी तरफ इस प्रतियोगिता में 20 ,45 तथा 15 विभिन्न वर्गों की टीम ने भाग लिया । साथ ही इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अवधेश यादव प्रोजेक्ट डायरेक्टर डिपार्टमेंट ऑफ डीआरडीए गाजियाबाद थे ।

क्षेत्रीय विज्ञानिक अधिकारी सुरेश चंद्र शर्मा , क्षेत्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी केंद्र डॉ विवेक सुदर्शन प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर क्षेत्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी केंद्र गाजियाबाद एवं डॉ राजीव अग्रवाल निदेशक जीएल बजाज इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट ग्रेटर नोएडा डॉ पीसी वशिष्ठ( विभाग अध्यक्ष आईटी जीएल बजाज ) तथा तीनों टीमों के जेएसएस क्रमश : टीम प्रथम (स्कूल कक्षा छठी से बारहवीं तक) में डॉक्टर पूजा, डॉ मनिंदर , डॉ पारस भटनागर , टीम दूसरे इंजीनियर छात्र में अखिलेश पीयूष यादव एवं डॉ पंकज पाठक तथा टीम तृतीय (ग्रासरूट) में डॉक्टर रूपाली आदि के साथ मौजूद थे ।

इस प्रतियोगिता में के डी सी हापुड़ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट डीपीएस गाजियाबाद बीसीआई कॉलेज मेरठ एमएमआईटी कॉलेज मेरठ आदि विभिन्न प्रतियोगियों टीमों ने भाग लिया।

सभी वर्गों से प्रथम द्वितीय तथा तृतीय पुरस्कार दिए गए , इसके अलावा 11 टीमों को कंटिटेन्ट के रुप में चुना गया। कुल मिलाकर 20 टीमों का चयन राष्ट्रीय स्तर पर प्रतियोगिता के लिए हुआ ।

वहीं इस प्रोग्राम के आयोजन को लेकर कॉलेज के निदेशक राजीव अग्रवाल का कहना है कि इस प्रतियोगिता का प्रमुख उद्देश्य आमजन को नवप्रवर्तन के प्रति जागरुक करना है जिससे अधिकाधिक लोग नवप्रवर्तन गतिविधियों को महत्व प्रदान करें । इस अवसर पर मुख्य अतिथि अवधेश यादव ने प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि सभी प्रतियोगियों के द्वारा प्रदर्शित किए गए प्रोजेक्ट अतुलनीय है अगर वह इस प्रतियोगिता में कोई स्थान ना भी प्राप्त कर पाए तो भी उन्हें हतोउत्साहित नहीं होना चाहिए तथा अपने काम को जारी रखना चाहिए ।

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